रोशनी की चाह मे , आंखे चली गईं , जैसे ढली है साँझ, बिजली चली गई रोशनी की चाह मे , आंखे चली गईं , जैसे ढली है साँझ, बिजली चली गई
वक्त अच्छा हो या बुरा, कुछ ना कुछ सिखा ही जाता है। वक्त अच्छा हो या बुरा, कुछ ना कुछ सिखा ही जाता है।
जिंदगी ऐसेही गुजर गई,किसी न किसी चाह में,कुछ न पाया हमने जिंदगी ऐसेही गुजर गई,किसी न किसी चाह में,कुछ न पाया हमने
दिल मेरा खुद से ही लड़े जा रहा है। दिल मेरा खुद से ही लड़े जा रहा है।
पल पल जागती , टूट के बिखरती , अपनी धुन से मगन, मिलन को तरसती हुई मैं उन्ही के जोगन पल पल जागती , टूट के बिखरती , अपनी धुन से मगन, मिलन को तरसती हुई मैं उन्ह...
रात बीतेगी सुबह आएगी बहती हुई पवन पुरवा सुनाएगी। रात बीतेगी सुबह आएगी बहती हुई पवन पुरवा सुनाएगी।